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Gangrar History In Hindi गंगरार एक बहुत ही सुन्दर गांव हे। गंगरार के चारो और अरावली पर्वत माला के सहायक पहाड़ो का एक समूह सा है जो गंगरार को और भी आकर्षित बनाता हे। गंगरार गांव के बिच में पुराणी हवेली हे जहा पर पहले तहसील कार्यालय होता था। यह हवेली राव साहब की हे जो पहले यहां रहा करते थे और आसपास के क्षेत्र में शिकार किया करते थे गंगरार तहसील में 131 छोटे बड़े गांव आते हे। एवं गंगरार गांव में सभी जाति धर्म के लोग निवास करते हे। गंगरार में बहुत से मंदिर हे जिनमे प्रमुख पूर्व में पहाड़ पर स्थित स्वयं प्रकट बालाजी जी का मंदिर हे। और इसके आलावा सारणेश्वर महादेव जी का मंदिर, चारभुजाजी का मंदिर, गणेश मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, भेरुनाथ का मंदिर, आदि हे। और गांव में मस्जिद भी स्थित हे।
गंगरार में पुराना बाजार भी हे जहा आसपास के लोग खरीददारी करने आते हे। गंगरार में हर वस्तु उपलब्ध हे। गंगरार में पंचायत समिति, तहसील, पुलिस थाना, डाकघर, हॉस्पिटल सभी गांव में ही हे। गंगरार में सरकारी व प्राइवेट स्कूल भी है। गंगरार गांव से १.५ किलोमीटर दूर गंगरार रेल्वे स्टैशन है जहां से दिन भर में अनेक रेल गाड़िया निकलती हे यहां से भीलवाड़ा, अजमेर, जयपुर, दिल्ली और रतलाम, उज्जैन, मुंबई, अहमदाबाद, एवं समस्त भारत की रेल गाड़ी यहां से गुजरती है। गंगरार स्टेशन पर बड़े पैमाने पर जूते, मोचड़ी, और तलवारे बनाने का काम होता हे यहा के गुजराती मोची मार्केट ने पुरे देश में अपनी पहचान बना रखी है यहां पर हाथो से बने जूते, चप्पल,मोचड़ी, व् तलवारे मिलती है। और दिन भर नेशनल हाईवे व्यस्त रहता है। जिससे यहां पर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है
गंगरार की प्रमुख जानकारी
गंगरार की विशेषता
गंगरार
गंगरार अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हे। गंगरार के चारो और अरावली पर्वत माला की श्रृंख्ला निकलती हे। जिससे गांव को बारिश के मौसम में अत्यधिक सुन्दर दिखता है। गांव के पूर्व से NH 79 नेशनल हाईवे गुजरता है। जो बहुत ही व्यस्त हाईवे है। और गंगरार में सालो पुराना बाजार है। जहा लोग खरीददारी करने आते है। गंगरार में गुजराती मोची समाज का हाथो से निर्मित जूते बनाने का व्यवसाय प्रमुख है। यहां पर तलवारे, खंजर, आदि हथियार भी हाथों से बनाये जाते है। एवं गंगरार में सभी जाती धर्म के लोग निवास करते है जो अनेकता में एकता की मिसाल है।
गंगरार
के आसपास के जिले व उनकी विशेषताऐं
गंगरार से पूर्व दिशा में लगभग 180 किलोमीटर की दुरी पर कोटा जिला हे। जिसे राजस्थान का कानपूर के नाम से भी जाना जाता हे। कोटा में राजस्थान की सबसे लम्बी नदी चम्बल भी हे और जापान के अनुसार निर्मित गार्डन हे जिसे चम्बल या हाड़ौती उद्यान भी कहते है। पश्चिम दिशा में 90 किलोमीटर की दुरी पर राजसमंद जिला हे। जहां पर राजस्थान के मीठे पानी की दो जिलों में से एक राजसमंद झील है। गंगरार से लगभग 120 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में उदयपुर के डबोक में महाराणा प्रताप इंटरनेशनल हवाईअड्डा है व उत्तर दिशा में लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर भीलवाड़ा जिला हे। जिसे पुरे भारत देश में वस्त्र नगरी के नाम से भी जाना जाता हे। एवं दक्षिण दिशा में २५ किलोमीटर की दुरी पर चित्तौरगढ़ स्थित हे। जिसके गौरव से पूरी दुनिया चित्तोड़ को जानती हे। वर्ल्ड हैरिटेज की बुक में चित्तौडग़ढ़ के किले को भारत का सबसे बड़ा किला होने का गौरव भी प्राप्त हे।
गंगरार की साक्षरता दर
राजस्थान की तुलना में गंगरार गांव में उच्च साक्षरता दर है
2011 में, राजस्थान के 66.11% की तुलना में गंगरार गांव की साक्षरता दर 72.55% थी। गंगरार में पुरुष साक्षरता 83.62% है जबकि महिला साक्षरता दर 61.0 9% थी। भारत और पंचायती राज अधिनियम के संविधान के अनुसार गंगरार गांव का प्रशासन सरपंच (गांव के प्रमुख) द्वारा किया जाता है जो गांव के प्रतिनिधि चुने जाते हैं।
गंगरार की आबादी
गंगरार चित्तौडग़ढ़ के बेंगु विधानसभा क्षेत्र में आता हे
गंगरार तहसील चित्तौड़गढ़ में स्थित एक बड़ा गांव है जनगणना 2011 के अनुसार गंगरार में 2070 परिवार रहते हे और गांव की कुल जनसंख्या 10573 हे जिसमे से 5376 पुरुष हे जबकि 5197 महिलाएँ हे।गंगरार गांव में 0-6 वर्ष की उम्र के बच्चों की आबादी 1450 है जो गांव की कुल आबादी का 13.71% है। गंगरार गांव का औसत लिंग अनुपात 967 है जो राजस्थान राज्य के औसत 928 से अधिक है। जनगणना के अनुसार गंगरार बाल लिंग अनुपात 973 है, राजस्थान के औसत 888 से अधिक है।
GANGRAR
अजमेर - इंदौर NH 79 पर चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा दोनों शहरों के बीच बसा गांव है GANGRAR
- पूर्व दिशा में कोटा 180 K.M की दुरी पर है
- पश्चिम दिशा में राजसमंद 110 K.M की दुरी पर है
- उत्तर दिशा में भीलवाड़ा 35 K.M. की दुरी पर है
- दक्षिण दिशा में चित्तौडग़ढ़ 25 K.M. की दुरी पर है
Important Information of Gangrar
Gangrar में बहुत से मंदिर है। जिनमे से प्रमुख निम्न है। 1. चारभुजा जी का मंदिर, 2. हनुमान जी का मंदिर, 3. लक्ष्मीनारायण मंदिर, 4. रामदेव जी का मंदिर, 5. गणेश मंदिर, 6. सारणेश्वर महादेव मंदिर, प्रमुख है।
Gangrar में मुख्य रूप से दीपावली, मकरसक्रांति, महाशिवरात्रि, होली, गणगौर, हनुमान जन्मोत्सव, महावीर जयंती, गालव जयंती, महेश नवमी, रक्षाबन्धन, गुरु पूर्णिमा, गणेश चतुर्थी, जलझूलनी एकादशी, नवरात्री, दशहरा, ईद, मोहर्रम, आदि प्रमुख रूप से मनाये जाते है।
Gangrar में मुख़्यत: गेहूँ, मक्का, जौ, सरसों, बाजरा, चना, व गन्ने की फसल मुख्य रूप से बोई जाती है
Gangrar के मुख्य दर्शनीय स्थल निम्न है सारणेश्वर महादेव मंदिर गंगरार, हनुमान मंदिर गंगरार, सगरा माता जी का मंदिर मेडीखेड़ा, लाल बाई फूल बाई मंदिर पुठोली, चित्र, विचित्र की बावड़ी दादिया, ढिकारडी माता मंदिर सुलीखेड़ा, आदि दर्शनीय स्थल है
Gangrar के 70% लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि कार्य है एवं 30% लोग सरकारी नौकरी व निजी व्यवसाय करते हे। जिनमे किराणा, रेडिमेंट व जूते, तलवारों का व्यवसाय मुख्य है
gangrar में मुख्य रूप से निम्न कार्यक्रम होते है जिनमे गुरुपूर्णिमा महोत्सव, रामलीला कार्यक्रम, मटकीफोड़ कार्यक्रम, कवि सम्मेलन, 26 जनवरी और 15 अगस्त के कार्यक्रम होते है।
MAIN VIEW OF THE CHITTORGARH DISTRICT OF GANGRAR
गढ़ तो चित्तौड़ बाकी सब गढ़ैया
चित्तौड़गढ़ किले को चित्रांगद मौर्य ने बनवाया था । चित्तौडग़ढ़ का नाम आन बान और शान के लिए जाना जाता है। और भक्त मीरा बाई एवं महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा के नाम से भी जाना जाता है चित्तौडगढ़ मेवाड़ की प्रथम राजधानी भी है
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गंगरार व Gangrar के आसपास देखने योग्य स्थान
Rahul Galav
Website Owner
Hello friends, I'm Rahul from Gangrar and now I live in Udaipur. Gangrar.com Website is Provide All Information About Gangrar And Gangrar's Near Beautiful Place of Surrounding Information About Villages Within Block etc.