आज हम लोग जानेंगे हमारी ग्राम पंचायत गंगरार की आन बान और शान स्व: श्री मान मेजर नटवर सिंह जी शक्तावत के बारे में मुझे आशा हे आप सभी मेजर नटवर सिंह जी की जीवनी पढ़ कर अत्यंत गर्व महसूस करेंगे | हमारे द्वारा दी गई जानकारी में अगर कोई त्रुटि रह गई हो तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हे | एवं त्रुटि निवारण हेतु हमें सही जानकारी उपलब्ध कराये एवं संपर्क करे | तो आइये मित्रो जानते हे हमारे गंगरार तहसील के अनमोल सितारे स्व: श्री मान मेजर नटवर सिंह जी के बारे में गलती के लिए क्षमा |
मेजर नटवर सिंह जी जो हमारी तहसील गंगरार, के मुरलिया गांव के रहने वाले थे मेजर नटवर सिंह जी को जब वह छोटे थे तब से देशसेवा, राष्ट्रसेवा का उनके अंदर एक अलग ही जस्बा था | मेजर नटवर सिंह जी बचपन से ही अपने पिताजी देवी सिंह जी जो उस समय पुलिस अधीक्षक थे, उनके साथ मेजर नटवर सिंह जी भी निरीक्षण पर जाया करते थे | तब से इनके परिवार वाले सभी लोगो को लगता था की मेजर नटवर सिंह जी आगे चलकर एक दिन जरूर राष्ट्र सेवा करेंगे |
"मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।"
मेजर नटवर सिंह जी के परिवार में उनकी माताजी, पिता देवी सिंह जी बड़े भाई लक्ष्मण सिंह, शक्ति सिंह जी ( पूर्व प्रधान गंगरार ) पत्नी और पुत्र त्रिभुवन सिंह जी हे
शहीद मेजर नटवर सिंह जी ने भारतीय सेना में नियुक्ति के बाद से ही राष्ट्रसेवा के लिए अपने प्राणो को न्योछावर करने के लिए जरा भी पीछे नहीं हटे | जब भी मेजर नटवर सिंह जी की जरुरत पड़ी वो हर समय अपने कर्त्तव्य के लिए तत्पर रहे | मेजर नटवर सिंह भारतीय सेना में राष्ट्रीय रायफल्स की चार बटालियन में रहते हुए, साल 2003 में 27 मार्च को कश्मीर के डोडा जिले में दुश्मनो ( आतंकवादियों ) से लोहा लेते हुए शहीद हो गए | जब तक मेजर नटवर सिंह जी की सांसे चली तब तक वो कही दुश्मनो को जमीदोज कर चुके थे | उनके सीने में कही गोलिया लगने के बाद भी वो दुश्मनो से लोहा लेते रहे | और अंत में वे वीरगति को प्राप्त हो गए
मेजर नटवर सिंह जी की शहादत की खबर जैसे ही हमारे चित्तौड़गढ़ जिले में पहुंची पुरे जिले में गम का माहौल छा गया | जब मेजर नटवर सिंह जी शक्तावत के पार्थिव शरीर को चित्तौड़गढ़ से गंगरार लाया गया तो लोगो का जनसैलाब उनके पार्थिव शरीर के पीछे उमड़ पड़ा | लोग आखरी बार माँ भारती के इस लाल को देखना चाहते थे | में स्वयं उस वक्त बहुत छोटा था लेकिन मुझे इतना जरूर याद हे की जब मेजर नटवर सिंह जी के पार्थिव शरीर को गंगरार बस स्टेण्ड पर लाया गया तो वहा इतनी सारी भीड़ थी की कोई भी हिल नहीं सकता था | मेने स्वयं ने उनके पार्थिव शरीर को जिस बॉक्स में रखा था उसे देखा था बस इससे ज्यादा और कुछ नहीं, वहा सभी लोगो की आँखो में आसु थे सब लोग नारे लगा रहे थे | " जब तक सूरज चाँद रहेगा, नटवर सिंह जी का नाम रहेगा, ये नारा मुझे तब से आज तक याद हे | हम वो दिन कभी नहीं भुला सकते हे, अब मुझे जब भी मेजर नटवर सिंह जी के बारे में कोई पूछता हे तो मुझे बड़ा ही गर्व महसूस होता हे की हमारे गांव में उनका जन्म हुआ | आज हमारे गांव गंगरार में जो पहले लेवा ग्राउंड के नाम से खेल का मैदान हे उसका नाम भी मेजर नटवर सिंह स्टेडियम रखा हुआ हे, चित्तौड़गढ़ के अंदर शास्त्री सर्कल पर मेजर नटवर सिंह शक्तावत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थित हे जो मेजर नटवर सिंह जी को समर्पित हे | और स्वयं मेजर नटवर सिंह जी के गांव मुरलिया में भी स्मारक बनाया गया हे | जिनकी देख रेख स्वयं मेजर नटवर सिंह जी के परिवार वाले करते हे और हर साल २६ व् २७ मार्च को ध्वजारोहण कर श्रद्धांजलि कार्यक्रम मनाया जाता है
जब तुम शहीद हुए थे तो ना जाने कैसे तुम्हारी माँ सोई होगी एक बात तो तय है तुम्हे लगने वाली गोली भी सौ बार रोई होगी
आओ झुक कर सलाम करे उनको जिनके हिस्से मे ये मुकाम आता है खुसनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है जय हिन्द जय शहीद
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Veer Shahid Major Natwar Singh ji Ko Hardhik Naman Jai Hind VAnde Matram. Bhut Hi Khub Likha he
Jai Hind
गंगरार की शान शहीद मेजर नटवर सिंह जी को नमन
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